Tuesday 17 January 2017

फिल्मी सितारों को आदर्श न मानें युवा- डॉ. गदिया

मेवाड़ में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों ने सबका मन मोहा
वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों ने सबका मन मोह लिया। सम्भाषण और कविताओं ने तो सराहना बटोरी ही, स्वामी विवेकानंद पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ने माहौल में चार चांद लगा दिये। इस मौके पर इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने स्वामी विवेकानंद को भारत के 65 करोड़ युवाओं का सशक्त प्रतिनिधि बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के मद्रास में ’मेरी क्रांतिकारी योजना’ विषय पर दिये गये भाषण को एक बार जरूर पढ़ें। 

उन्होंने कहा कि आज शिक्षा व ज्ञान की कमी का ही परिणाम है कि भारत के युवा फिल्मी सितारों को अपना आदर्श बनाये बैठे हैं। जबकि महापुरुषों के चरित्र को अपनाकर ही भारत में विकास की संभावनाओं को जन्म दिया जा सकता है। उन्होंने अपने सम्भाषण में दया, करूणा व गुरु की महिमा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें अपनी प्रकृति अनुसार ही देश के विकास की योजनाओं का खाका तैयार करना होगा, अन्यथा हर सरकारी योजना कागजों में ही आकर्षक दिखाई देगी। विवेकानंद जयंती समारोह में प्रस्तुत नाटक की शुरुआत रामकृष्ण परमहंस व विवेकानंद संवाद से होती है और दिखाया जाता है कि कैसे नरेन्द्र नामक एक साधारण युवक स्वामी विवेकानंद बनकर विश्व में अपनी कीर्ति पताका फहराता है। बीएड व बीटीसी के विद्यार्थियों ने अपने प्रभावी अभिनय से नाटक को सजीव बनाया और दर्शकों की तालियां बटोरीं। इसके अलावा विद्यार्थियों द्वारा गाया गया वंदेमातरम्, पूनम त्रिपाठी व इंदिरा का सम्भाषण, स्वामी विवेकानंद व उनके गुरु के मध्य हुआ संवाद का चित्रण, भजन, कविता, गीत आदि बहुत सराहे गये। समारोह में इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, विधि विभाग के महानिदेशक भारत भूषण आदि मौजूद थे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। संचालन पूजा गुप्ता एवं प्रत्यूषा ने किया।

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