Friday, 20 January 2017

मेवाड़ में ‘मतदान के फायदे’ विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित

मताधिकार जिम्मेदार नागरिक होने का अहसास है-जिलाधिकारी निधि केसरवानी
इस बार हम लोकतंत्र के एक्टीविस्ट बनें- डॉ. गदिया
 जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने कहा कि मताधिकार जिम्मेदार नागरिक होने का अहसास है। सीमा पर लड़ना ही देशप्रेम नहीं होता। देश के अंदर फैली बुराइयों से लड़ना भी देशप्रेम कहलाता है। वोट देना भी देशप्रेम का प्रतीक है। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता निधि केसरवानी ने यह बात कही। वह मतदान के फायदेविषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहीं थीं।
विद्यार्थियों व शिक्षकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम में निधि केसरवानी ने कहा कि गाजियाबाद जिला पूरे प्रदेश में राजस्व देने में नंबर एक पर है। हर क्षेत्र में इस जिले ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। लेकिन वोट देने में 25.92 लाख मतदाताओं से अटा यह जिला बहुत पिछड़ा हुआ है। देहात क्षेत्र में मात्र 70 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 40 प्रतिशत वोट पड़ता है। इस बार इसे 75 प्रतिशत तक लेकर जाना होगा, तभी सही प्रतिनिधि का चुनाव संभव है। उन्होंने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयासों से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि अधिक मत प्रतिशत से ही देश में बदलाव संभव है। हम इस बार लोकतंत्र के एक्टीविस्ट बनें। हम मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की ताकत दिखा सकते हैं। हम मालिक को सेवक की भूमिका में लाने का अधिकार अपने पास रखते हैं। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने निधि केसरवानी का परिचय पढ़ने के साथ ही बताया कि मतदाता जागरूकता अभियान के तहत मेवाड़ पांच प्रकार के कार्यक्रम कर रहा है। विचार संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, मतदाता जागरूकता शिविर, शपथ ग्रहण समारोह व जागरूकता रैली। रैली में मेवाड़ के बच्चे वसुंधरा क्षेत्र के लोगों को वोट देने के लिए जागरूक करने का काम करेंगे।

इससे पूर्व डॉ. गदिया व डॉ. अलका ने जिलाधिकारी निधि केसरवानी को गुलदस्ता, स्मृति चिह्न व शॉल भेंटकर सम्मानित किया। संगोष्ठी का सफल संचालन कवि व पत्रकार चेतन आनंद ने किया।

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