Sunday 25 December 2016

मेवाड़ में ‘नोटबंदी’ विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित

राजनीतिक सिस्टम दुरुस्त होता तो न होती नोटबंदी-रवि कुमार
- कैशलेस सिस्टम के भविष्य में निकलेंगे सुखद परिणाम- डॉ. गदिया
- प्रश्नोत्तर सत्र में विद्यार्थियों ने दूर की शंकाएं
 हमारे देश में राजनीतिक सिस्टम अगर ठीक होता तो नोटबंदी की ज़रूरत ही न पड़ती।सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट रवि कुमार ने वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता यह बात कही। वह नोटबंदीविषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में केवल एक प्रतिशत लोग ही सरकार को टैक्स अदा कर रहे हैं। कैशलेस सिस्टम लागू होने से टैक्स ज्यादा आएगा। इससे देश के हालात सुधरेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि देश में 50 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं। अधिकांश हिस्सों में बिजली व्यवस्था ठीक नहीं है। ज्यादातर बैंकों के सरवर भी डाउन रहते हैं। दो तिहाई बैंक शहरों में हैं। दो लाख 15 हजार एटीएम में से 90 प्रतिशत लोकल शहरों में हैं। गांवों तक कैशलेस सिस्टम का लाभ कैसे मिलेगा, यह चिंतनीय विषय है। उन्होंने कैशलेस सिस्टम दुरुस्त करने से पहले साइबर कानून को और सख्त करने की बात पर बल दिया।

मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि नोटबंदी करना बहुत अच्छी शुरुआत है। हमारा देश नई दुनिया और नये बदलाव की ओर पहला कदम बढ़ा चुका है। इससे भ्रष्टाचार पर नकेल कसेगी तो भ्रष्ट राजनीतिक सिस्टम भी ठीक होगा। हालांकि अभी नोटबंदी के दुष्परिणाम हमें नजर आ रहे हैं लेकिन भविष्य में इसके सुखद नतीजे देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में मुख्य अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एक समानान्तर अर्थव्यवस्था भी चलती है। लोग इसे बचत का नाम देते हैं। हमारी बचत करने की प्रवृत्ति ने ही हमें हर संकट से बचाया है। कहना गलत न होगा कि विपदा में भारतीय समाज ने ही सरकारें बचाई हैं। मोदी सरकार का यह नया फैसला इस समानान्तर अर्थव्यवस्था को भी बचाएगा, यह भविष्य बताएगा। विचार संगोष्ठी में मुख्य वक्ता रवि कुमार को मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की ओर से शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण, गंगा सागर सिंह, प्रसिद्ध लेखिका नंदिता झा आदि मौजूद थे। विचार संगोष्ठी का सफल संचालन डॉ. श्रीमती राजेश सिंह ने किया।

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