महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए समाज बदले दृष्टिकोण- डॉ. गदिया
’महिलाएं डरें नहीं, अगर कोई उनकी अस्मिता को कुरेदे तो उसका खुलकर जवाब अवश्य दें।’ वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की ओर से मेवाड़ ऑडिटोरियम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में शामिल हुई विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिला वक्ताओं ने बतौर अतिथि यह बात कही। सभी वक्ताओं ने अपने सारगर्भित वक्तव्य दिये। समारोह में चार अतिथि महिलाओं को इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने शॉल, स्मृति व बुकेे देकर सम्मानित किया।
सम्मानित होने वाली महिलाएं थीं- कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की उपमहानिरीक्षक नीतू भट्टाचार्य, हिसार आकाशवाणी केन्द्र की उद्घोषिका डॉ. अल्पना सुहासिनी व ‘सबसे बड़ा ड्रामेबाज़’ टीवी शो की विजेता नदिया जिन्दल। चारों महिलाओं ने अपने वक्तव्य में कहा कि कानून का सहारा लें। अगर महिलाओं की शक्ति पर प्रहार हो तो डटकर मुकाबला करें। आने वाला युग महिलाओं का युग है। उन्होंने कहा कि बेटियों की बजाय अभिभावक बेटों को नसीहत दें। कहें कि किसी बहन, बहू या बेटी को छेड़ने के बजाय उनकी रक्षा करें। अगर ऐसा माहौल बनाया गया तो देश में बेटियों की अस्मिता बचाना आसान होगा। एक नए युग की शुरुआत होगी।

इससे पूर्व मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि धारा के विपरीत बहकर भी आस-पास का माहौल परखें और देश को अपनी सोच से एक नई दिशा दें। देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अबला नहीं हैं। पुरुष उन्हें कमजोर न समझें। महिला हर क्षेत्र में आज अपने आपको साबित करने में लगी है। उसके हौसले व जज्बे को पुरुष सलाम करना सीखें। समारोह में विद्यार्थियों ने महिला दिवस पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। संचालन प्रीति भाटिया ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशन्स का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।
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