Friday 20 November 2015

मेवाड़ में रानी लक्ष्मी बाई जयंती समारोहपूर्वक आयोजित

नौजवान देश व समाज के लिए जीने-मरने का जज्बा पालें- डॉ. गदिया
महिलाएं शारीरिक रूप से बनें सबल- डॉ. अलका
 वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि देश व समाज के लिए बलिदान देने का जज्बा नौज
वानों को पालना होगा। अपने लिये तो सभी जीते-मरते हैं, मगर देश व समाज के लिए कोई विरला ही जीता-मरता है। जब तक यह सच्चा जज्बा हमारे अंदर पैदा नहीं होगा, देश का विकास होना असंभव है। विवेकानंद सभागार में आयोजित रानी लक्ष्मी बाई जयंती समारोह में उन्होंने विद्यार्थियों व शिक्षण स्टाफ के समक्ष ये विचार व्यक्त किये।
उन्होंने बतौर समारोह अध्यक्ष कहा कि आज देश पर सबसे बड़ा आतंकी खतरा मंडरा रहा है। हम कबूतर बने बिल्ली के सामने आंखें मूंदे बैठे हैं। ऐसा नहीं है कि हम इससे बच जाएंगे। एक दिन आतंकवाद की आंधी हमें जरूर घेरेगी। हम अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालते रहे तो देश का विकास होने वाला नहीं। हमें वर्ष 1980 से अब तक 35 सालों के अपने देश के इतिहास को खंगालना होगा। देखना होगा कि हमने क्या तरक्की की। हमने अपने पड़ोसी मुल्क तक से सम्बंध मधुर नहीं बनाये। हमारी सरहदें आतंकी संकट की चपेट में हैं। करोड़ों-अरबों रुपया बहाकर भी हम आज सुरक्षित नहीं हैं। हमें आज जागरूक होना होगा। रानी लक्ष्मी बाई व इंदिरा गांधी जैसा देश के लिए बलिदान देने का जज्बा मन में पैदा करना होगा। समारोह में मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के विद्यार्थियों ने रानी लक्ष्मी बाई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित सम्भाषण, समूह गान, एकल गान, कविताएं आदि सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाएं रानी लक्ष्मी बाई व इंदिरा गांधी के बलिदान से सबक लें। वे मानसिक रूप के अलावा शारीरिक रूप से सबल बनें। शिक्षक छात्राओं में शिक्षा व ज्ञान के अलावा उनमें हिम्मत व साहस का संचार भी करें। इस अवसर पर मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण, अपर महानिदेशक एके गौतम समेत मेवाड़ परिवार का समस्त स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे। समारोह का सफल संचालन श्रुति कत्याल व शिवानी ने किया।   

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