Tuesday 17 November 2015

मेवाड़ में काव्य समागम व सम्मान समारोह आयोजित

प्रख्यात गीतकार किशन सरोज समेत चार साहित्यकार सम्मानित
किशन  सरोज को साहित्य संस्कृति और सोनरूपा विषाल को मिला सरस्वती सम्मान
काव्य समागम में दो दर्जन से अधिक कवियों ने काव्य पाठ कर सबका मन मोहा

अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान गाजियाबाद इकाई के ‘काव्य समागम एवं सम्मान समारोह’ नाम से आयोजित वार्षिकोत्सव में प्रख्यात गीतकार किशन सरोज समेत चार साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। काव्य समागम में दो दर्जन से अधिक नामचीन व युवा कवियों ने अपने काव्य पाठ से समारोह में चार चांद लगा दिये। विशुद्ध  रूप से कविताओं के नाम पांच घंटे चले इस कार्यक्रम ने जिले में एक नया इतिहास रचा। 
कर्यक्रम की अध्यक्षता मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूषंस के चेयरमैन डॉ. अषोक कुमार गदिया ने की। अपने सम्बोधन में उन्होंने साहित्यकारों को समाज को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि जहां साहित्यकारों को सम्मान मिलता है, वहां वे अपनी लेखनी की खुषबू से समाज को संस्कारवान व सभ्य बनाते हैं। प्रसिद्ध समाजसेवी व शिक्षाविद  अतुल गर्ग ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ सीखा वह सबकुछ साहित्य की देन है। साहित्य ने बताया कि जीवन कैसे जीना चाहिये। समाज को क्या योगदान देना आपका कर्तव्य है। सम्मान समारोह में समाज में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रख्यात गीतकार किशन सरोज, हिन्दी भाषा अकादमी नई दिल्ली के सक्रिय सदस्य सुधाकर पाठक, मुम्बई से सुप्रसिद्ध रंगकर्मी विभा रानी को साहित्य संस्कृति सम्मान व जानी-मानी कवियत्री डॉ. सोनरूपा विशाल  को सम्मान पत्र, नारियल, शॉल, श्रीफल व नकद राशि  देकर सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया। किशन सरोज व सोनरूपा विशाल  को इक्यावन-इक्यावन सौ तो बाकी के साहित्यकारों को इकतीस-इकतीस सौ की नकद राशि प्रदान की गई। 
मंच पर संस्थान के संरक्षक डॉ. आनंदसुमन सिंह, सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ. सीता सागर, संस्थान के संस्थापक वरिष्ठ गीतकार धनंजय सिंह, संस्थान की अध्यक्ष सीमा सिंह आदि बैठे। पूरा समारोह संस्थान के सक्रिय सदस्य चेतन आनंद की देखरेख में आयोजित हुआ। समारोह का संचालन संस्थान के उपाध्यक्ष अनिमेष शर्मा व तरुणा मिश्रा ने किया। कोषाध्यक्ष दीपाली जैन ने अतिथियों का स्वागत किया तो सांस्कृतिक सचिव विनोद पांडेय ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। काव्य समागम में किषन सरोज, डॉ. सीता सागर, प्रमिला भारती, गोविन्द गुलषन, चेतन आनंद, मोहन द्विवेदी, वंदना कुंअर रायजादा, बृजेष द्विवेदी, रामवीर आकाष, इंद्रजीत सुकुमार, योगेष समदर्षी, पीयूष मालवीय आदि ने काव्य पाठ कर माहौल को खुषनुमा बना दिया। इस मौके पर अखिलेश  खरे, आरपी बंसल, डॉ. सतीश  वर्द्धन, हेमंत शर्मा, पीके आजाद, तूलिका सेठ, स्नेह भारती, कुषल कुषवाहा, स्वदेष यादव, कीर्ति सिंह, देवेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. पवन विजय आदि मौजूद रहे। अंत में संस्थान के संस्थापक डॉ. धनंजय सिंह व अध्यक्ष सीमा सिंह ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।  


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