Friday, 9 September 2016

मेवाड़ में ‘टॉक विद् एमेजिंग इंडियंस’ विषय पर नेशनल सेमिनार आयोजित

बेमकसद न जिएं नौजवान विद्यार्थी
- वक्ताओं ने दीं विद्यार्थियों को जीवन जीने की सही नसीहतें
- पैदा हुए और मर गये की हालत में न जिएं- अरोड़ा
- मुसीबतों से दो-दो हाथ करके ही मिलती है सफलता- डॉ. गदिया
- विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना ही मेवाड़ का मकसद- डॉ. अलका
वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और नई दिल्ली के विश्व युवक केन्द्र की ओर से टॉक विद् एमेजिंग इंडियंसविषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन मेवाड़ ऑडिटोरियम में किया गया। नोएडा डीफ सोसायटी की संस्थापक रूमा रोका सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि और कानून की पुस्तकों के मशहूर लेखक व जाने-माने अधिवक्ता राकेश अरोड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने सम्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन को बेमकसद न जीने की नसीहतें दीं। अन्य वक्ताओं समेत उन्होंने भी कहा कि जिन्दगी में संघर्ष करके कुछ बनना सीखो। पैदा हुए और मर गयेवाली स्थिति में जीने वाले लोगों को दुनिया कभी याद नहीं रखती।
मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ सेमिनार की विधिवत शुरुआत हुई। अतिथियों को मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की ओर से बुके व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। अपने स्वागत भाषण में मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने संस्थान का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि नौजवान पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए संस्थान निरंतर प्रतिबद्ध है। विभिन्न गतिविधियों के जरिये उनका समुचित विकास करने का प्रयास जारी है और अनवरत जारी रहेगा। अपने विशेष सम्भाषण में मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कभी हार नहीं मानना। काम से कभी जी नहीं चुराना। ईश्वर परीक्षा लेता है। लेकिन आपमें दृढ़ इच्छाशक्ति है तो कोई भी ताक़त आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। मुसीबतें सबपर आती हैं। मगर जो इनसे दो-दो हाथ कर लेता है, वह आगे बढ़ जाता है।

मशहूर अधिवक्ता अशोक अरोड़ा ने अपनी चुटीली और व्यंग्यपूर्ण भाव भंगिमाओं से गंभीर विषय को बेहतरीन अंदाज में विद्यार्थियों के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन का एक मकसद तय करें और उसके अनुसार काम करें। उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। नोएडा डीफ सोसायटी की संस्थापक रूमा रोका ने एक डॉक्यूमेंट्री के जरिये अपनी बात को विद्यार्थियों तक पहुंचाया और उन्हें जीने की विशिष्ट कला से अवगत कराया। सेमिनार में रजत थॉमस, अजीत राय, उदय शंकर सिंह आदि ने भी अपने सारर्गिर्भत विचारों से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इस मौके पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के विद्यार्थी व शिक्षण स्टाफ के सदस्य मौजूद थे। संचालन अम्बरीन अब्बास ने किया। अंत में शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. तान्या गुप्ता ने सभी अतिथियों को आभार व्यक्त किया।



No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.