- ‘मां, शिक्षक और गुरु ही कर सकते हैं बच्चे का व्यक्तित्व विकास’
- ‘कटुता को त्यागो, प्रेमभाव अपनाओ’
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों से विद्यार्थियों ने सबका मन मोहा
मां, शिक्षक और गुरु ही एक बच्चे के व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज इसका एक उदाहरण हैं। शिवाजी जैसा निर्भीक योद्धा, कुशल प्रशासक, साम्प्रदायिक सौहार्द्र का प्रणेता आज तक कोई नहीं हुआ। उनके आदर्शों पर चलकर नौजवान देश व समाज के प्रति अपना जीवन सार्थक रूप से समर्पित कर सकते हैं।
वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह में इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने शिवाजी की जीवनी के कुछ प्रेरणादायक प्रमुख अंश विद्यार्थियों को सुनाये और बताया कि विश्व में गुरिल्ला युद्ध शिवाजी की देन है। शिवाजी ने अपने कम योद्धाओं के बावजूद दुश्मनों की बड़ी सेना के दांत खट्टे किये। डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि समय, काल और परिस्थिति के अनुसार हमें अपने तौर तरीके बदलने होंगे। यह शिवाजी ने सिखाया। शिवाजी के पास जांबाज सेनापति थे, जो बहुत विश्वासी थे। इसी वजह से शिवाजी ने हर मोर्चे पर दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया। आज के दौर में भ्रष्टाचार से बड़ा संकट अविश्वास का है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता हासिल करनी है तो अपनी सोच बदलो, जागरूक बनो और अपने से आगे देखो। सबसे प्रेमभाव से रहो। कटुता त्यागो।
समारोह में विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीत, शिवाजी पर सम्भाषण, समूह गान, एकल गान आदि प्रस्तुत कर सभी का मन जीत लिया। भाग लेने वाले विद्यार्थी थे- वंदना श्रीवास्तव, श्वेता गुप्ता, सैफुल्ला रईशी, प्रियंका, बोंगकोंग, फरीना, रश्मि टंडन, अम्बरीन आदि। बीएड के विद्यार्थियों द्वारा शिवाजी के जीवन चरित्र पर दर्शायी गई लघु नाटिका ने सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण समेत तमाम शिक्षण स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन बीएड की छात्राओं श्रुति कत्याल व चंद्रा ने किया।
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