Saturday, 17 October 2015

मेवाड़ में ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार व विश्व बौद्धिक अधिकार’ पर गेस्ट लेक्चर आयोजित

अब भारत बाल मिठाई का भी जल्द पेटेंट करवा ले- भारद्वाज
बाल मिठाई का भी भारत को पेटेंट करवा लेना चाहिये। क्योंकि यह केवल पहाड़ों में ही पाई जाती है और इसे दुर्लभ मिठाई माना जाता है। यह हमारी बौद्धिक सम्पदा अधिकार के तहत आती है। यह बात आरटीआई एक्टीविस्ट व आईईसी और सीईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में लीगल मैनेजर मुकेश भारद्वाज ने विद्यार्थियों को बताई। वह वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार व विश्व बौद्धिक अधिकार’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। गेस्ट लेक्चर वसुंधरा स्थित मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित किया गया।
श्री भारद्वाज ने विद्यार्थियों को कॉपीराइट, ट्रेड मार्क, पेटेंट, सर्विस मार्क, भौगोलिक संकेत, इंटीग्रेटेड लेआउट सर्किट डिजाइन, इंडस्ट्रियल डिजाइन के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का पूर्व में कैसे हनन हुआ। उन्हें कैसे चुराकर अपने नाम से और देशों ने पेटेंट करवा लिया। उन्होंने आगाह किया कि किसान जो भी उत्पाद अपग्रेड कर रहे हैं विश्व बाजार में उनका भी भारत समय रहते पेटेंट करवा ले। वरना ये उत्पाद भी अपने हाथ से निकल सकते हैं। इससे पूर्व मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने मुख्य अतिथि मुकेश भारद्वाज को शॉल व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण ने सभी का आभार व्यक्त किया। करीब दो घंटे चले गेस्ट लेक्चर के दौरान विद्यार्थियों ने मुकेश भारद्वाज से अनेक सवाल भी किये। जिनके उन्होंने समुचित जवाब देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासा शांत की।  

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