एक दर्जन शहरों के 30 वैज्ञानिकों ने पढ़े रिसर्च पेपर
- एड्स जैसी खतरनाक बीमारी पर हुई गहन चर्चा
- भारत में 51 प्रतिशत लोगों की एड्स से हुई मौत
- विश्व में भारत तीसरे स्थान पर
विश्व में 39 मिलियन लोग एड्स जैसी जानलेवा बीमारी से मर चुके हैं। भारत में एड्स से मरने वाले 51 प्रतिशत लोग हैं। विश्व में भारत का तीसरा स्थान है। भारत में एड्स तेजी से फैल रहा है। इसकी रोकथाम के ठोस उपाय सरकार के अलावा हमें भी तलाशने होंगे। हमें एड्स के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। एम्स में क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हैड प्रोफेसर सरमन सिंह ने वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में बायोटेक विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार व प्रथम स्कॉलर साइंस मीट कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इस बात का खुलासा किया।
सेमिनार में मॉक्यूलर बायोलोजी, बायो इन्फोर्मेटिक्स, मेडिकल बायोटेक्नोलोजी एंड बायो कैमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलोजी, एनिमल बायोटेक्नोलोजी, साइटो जेनेटिक्स एंड पीडियाट्रिक बायोलोजी- क्लीनिकल रिसर्च, नेनो बायोटेक्नोलोजी, आईपीआर एंड रिसर्च कमर्शलाइजेशन, बायोटेक्नोलोजी एन्टरप्रिन्योरशिप आदि विषयों पर चर्चा हुई। इसमें भाग लेने वाले विद्वान बंगलुरु, बिहार, वाराणसी, झांसी, लखनऊ, फैजाबाद, मेरठ, सहारनपुर, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि क्षेत्रों से आये थे। एम्स, जेएनयू, सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर, वीपीपीसीआई, सीआईएमएपी, यूपी कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, आईएआरआई, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, आईआईएचआर, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, पीडीएफएसआर, मेवाड़ यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर 30 से अधिक रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये।
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन को विज्ञान के स्कॉलर्स के लिए आवश्यक बताया और उम्मीद जताई कि यहां पढ़े गये रिसर्च पेपर्स विज्ञान के क्षेत्र में नये दिशा निर्धारक साबित होंगे। इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने विचारों में विज्ञान के क्षेत्र में नित नूतन हो रहे परिवर्तनों व नई बीमारियों के इलाज की संभावनाएं तलाशने में हुई चर्चाओं की सराहना की और बताया कि इस प्रकार के आयोजन करने में मेवाड़ सदैव आगे रहा है।
अंत में कार्यक्रम की मुख्य आयोजक बायोटैक विभाग की अध्यक्ष डॉ. नीतू सिंह ने सभी अतिथियों, बाहर से आये हुए विज्ञान के विद्वानों आदि का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभाग के सह प्रवक्ता सीमा गुप्ता, अजय कुमार, अंकुर शर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा। पूरा कार्यक्रम चार सत्रों में आयोजित हुआ। इस मौके पर सभी अतिथियों को मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की ओर से प्रमाण पत्र, गुलदस्ते आदि देकर सम्मानित किया गया।
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