Wednesday, 30 September 2015

मेवाड़ में ’बौद्ध धर्म व भारत’ विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित

 बौद्ध धर्म से होता भारत का विश्व में बोलबाला- चंद्रभूषण
- साउथ कोरिया जैसा देश बौद्ध धर्म के कारण ही आगे है
- साउथ कोरिया में हैं 96 प्रतिशत स्किल्ड लोग
- डॉ. अम्बेडकर ने भारत में बौद्ध धर्म को किया पुनर्जीवित- डॉ. अलका

बौद्ध धर्म के ही कारण साउथ कोरिया जैसे छोटे से देश में 96 प्रतिशत स्किल्ड लोग हैं। अगर भारत में भी इस धर्म का बोलबाला होता तो अपने देश की तस्वीर कुछ और होती। वरिष्ठ पत्रकार व बौद्ध धर्म विशेषज्ञ चंद्रभूषण ने यह विचार मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में व्यक्त किये। वह बौद्ध धर्म और भारतविषय पर बोल रहे थे।

उन्होंने अपने सम्भाषण में कहा कि धर्म कुछ नया सीखना और नया बनाना सिखाता है। शायद साउथ कोरिया जैसे देश ने बौद्ध धर्म से ही पढ़ने, लिखने, सीखने और नया बनाने की सीख ली है। उन्होंने भारत में बौद्ध धर्म की स्थिति व इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि वर्तमान में पूरे विश्व में लगभग एक करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। इनमें से तकरीबन डेढ़ प्रतिशत अनुयायी भारत में निवास करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में बौद्ध पहाड़ी हिमालयी इलाकों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिलों, नेपाल, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र में रह रहे हैं। करीब 1.50 लाख निर्वासित तिब्बती बौद्ध हैं। उन्होंने बताया कि 12वीं सदी में बौद्ध धर्म भारत से लुप्तप्राय हुआ। इसके तीन कारण रहे। एक, सम्राट अशोक के समय में बौद्ध धर्म के दो टुकड़े हो जाना। दो, शैव लोगों का बौद्ध धर्म पर आक्रमण। तीन, गुप्त वंश में भारत में भागवत धर्म की स्थापना।

उन्होंने अपने सम्भाषण के बाद लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये। इसके बाद मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि जल्दी ही भारत से बौद्ध धर्म लुप्त हो गया। वर्ष 1850 में डॉ. अम्बेडकर ने भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया। इसके बाद श्रीलंका, जापान, जर्मनी आदि देशों की यात्रा कर लोगों में नई धर्म चेतना का संचार किया। उन्होंने लगभग 50 लाख लोगों में बौद्ध धर्म की अलख जगाई। इससे पूर्व उन्होंने मुख्य वक्ता चंद्रभूषण को शॉल व स्मृति चिह्न भेंटकर मेवाड़ की ओर से सम्मानित किया। विचार संगोष्ठी का सफल संचालन प्रोफेसर आईएम पांडेय ने किया। संगोष्ठी में मेवाड़ के विद्यार्थियों व स्टाफ के अलावा वसुंधरा क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद रहे।  

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