मेवाड़ में ’दसवां प्रतिभा प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह’ संपन्न
दिल्ली-एनसीआर के 80 स्कूलों के 2544 बच्चों ने मचाई धूम
प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना ही मेवाड़ का मकसद- डॉ. गदिया
वसुंधरा स्थित
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में ’प्रतिभा-2015’ नाम से बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद जयंती पर आयोजित दसवें प्रोत्साहन
पुरस्कार समारोह में हुईं नौ प्रतियोगिताओं में विजेता रहे 35 प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। गायन व नृत्य प्रतियोगिताओं में दस
स्कूलों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। बतौर मुख्य अतिथि सरधना मेरठ से भाजपा
विधायक संगीत सोम, इंस्टीट्यूशंस की ओर से चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया व निदेशक डॉ. अलका
अग्रवाल ने विजेताओं को नकद राशि, ट्रॉफी व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत
किया।
मुख्य अतिथि भाजपा विधायक संगीत सोम |
अंतिम दिन हुई
एकल गायन प्रतियोगिता में डीएवी पब्लिक स्कूल चंद्रनगर के छात्र मानव गुप्ता, सन वैली इंटरनेशनल स्कूल के मुदित भट्ट, श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय
की भावना, महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल की पी. यग्नश्री लक्ष्मी, राम किशन इंस्टीट्यूट की वैश्नवी, डीएवी पब्लिक स्कूल प्रताप विहार
के उत्कर्ष व डीएवी पब्लिक स्कूल चंद्रनगर के कपिल तमन्ने का प्रदर्शन श्रेष्ठ
रहा। सामान्य ज्ञान प्रतियागिता में शिवानी चौधरी, शुभम सिंह, अमन श्रीवास्तव व सर्वेश कुमार, इशिका सिंघल ने बेहतरीन प्रदर्शन
किया। एकल नृत्य में वैश्नवी मिश्रा, खुशबू, महिमा गौड़, कुमारी काजल, प्राप्ति गुप्ता व तनु सिंह ने अपनी मोहक अदाओं से सबका दिल जीता। समूह नृत्य
प्रतियोगिता में राम किशन इंस्टीट्यूट, तांडव ग्रुप महाराजा अग्रसेन
पब्लिक स्कूल, आईपीएस ग्रुप इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल, काजल एंड ग्रुप श्री ठाकुरद्वारा
बालिका विद्यालय, दुर्गा स्तुति ग्रुप सीएसएचपी स्कूल प्रताप विहार, नटराज ग्रुप सीएसएचपी स्कूल एवं दुर्गा ग्रुप सुशीला इंटर कॉलेज का प्रदर्शन
सबसे अधिक सराहा गया। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से श्रेष्ठ कला प्रदर्शन करने वाले
17 प्रतियोगियों को चेयरमैन अवार्ड प्रदान किया गया।
समारोह के
मुख्य अतिथि सरधना मेरठ से विधायक संगीत सोम ने कहा कि विदेशों में और सबकुछ मिल
जाता है, मगर संस्कार केवल हिन्दुस्तान में ही मिलते हैं। हम अपने संस्कार बच्चों में
इस कदर प्रबल करें कि वे देशहित व समाजहित में काम आएं। उन्होंने कहा कि
हिन्दुस्तान में बच्चे को पैदा होने से पहले ही मां के गर्भ में संस्कार मिल जाते
हैं। गांव-देहात के बच्चे ज्यादा संस्कारी व प्रतिभावान होते हैं। बस उन्हें मेवाड़
इंस्टीट्यूशंस की तरह का मंच नहीं मिलता। उन्हें मंच मिले तो वे देश, समाज व अपने मां-बाप का नाम खूब रोशन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व योग
दिवस मनवाकर हम विश्वगुरु की राह पर चल पड़े हैं। हम विश्वगुरु बनें, हमारे बच्चे अच्छे आईपीएस-आईएएस बनने के अलावा अच्छे नेता बनें, यह बहुत जरूरी है। उन्होंने मेवाड़ में आयोजित होने वाले समाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों व जयंतियों के आयोजन की खूब सराहना की।
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