Tuesday 25 October 2016

मेवाड़ में ‘आरटीआई’ पर सेमिनार आयोजित

विद्यार्थी जनहित में आरटीआई का अधिक उपयोग करें- शर्मा
वक्ता बोले- समाज से भ्रष्टाचार मिटाने में आरटीआई की अह्म भूमिका   
 मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट की ओर से ‘आरटीआई’ विषय पर आयोजित सेमिनार में केन्द्रीय सूचना आयोग के रजिस्ट्रार एमके शर्मा ने बताया कि लोग आरटीआई कानून के महत्व को समझें और अपने अधिकारों के लिए इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। विद्यार्थियों को आरटीआई का उपयोग विशेष रूप से करना चाहिए। इससे सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है। 
श्री शर्मा ने बताया कि आरटीआई के जरिये किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल की जा सकती है। सभी सरकारी कर्मचारी आरटीआई एक्ट के तहत सही और सटीक जानकारी मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं। लेकिन जो सुरक्षा सम्बंधी क्षेत्र हैं, उन्हें इस कानून के दायरे से मुक्त रखा गया है। आरटीआई एक्टीविस्ट राजीव कुमार ने बताया कि आरटीआई लोकतंत्र का एक मूल हिस्सा है। इसका उद्देश्य समाज और सरकारी तंत्र के बीच पारदर्शिता लाना है। इसके जरिये हम समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर सकते हैं। उन्होंने अनेक उदाहरणों के जरिये बताया कि कैसे एक आरटीआई आपको आपके अधिकार दिला सकती है। 
सेमिनार में दोनों वक्ताओं को मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व सेमिनार में छात्र वकार, मधुकर आदि ने आरटीआई विषय पर अपने विचार प्रकट किए। सेमिनार में मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण समेत तमाम शिक्षण स्टाफ व भारी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे। सेमिनार का सफल संचालन गुरुमहिमा ने किया। 

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