Sunday 6 December 2015

मेवाड़ में मेक इन इंडिया विषय पर विचार संगोष्ठी आयोजित

विद्यार्थी उद्यमी बनने के लिए शिक्षा ग्रहण करें- डॉ. गुप्ता
 युवा डिग्री न लें, हुनरमंद बनें- डॉ. गदिया
गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आरके गुप्ता ने विद्यार्थयों से कहा कि वे जॉब पाने के लिए शिक्षा ग्रहण न करें, बल्कि उद्यमी बनने के लिए शिक्षित हों। इससे होगा यह कि आप अपने और साथियों को नौकरी दे सकेंगे। इससे देश विकसित होगा। देश विकसित होगा तो हम विकसित और समृद्ध होंगे। यही वर्तमान सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ का मकसद है। डॉ. गुप्ता ने मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित मासिक विचार संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता ये विचार व्यक्त किये। वह ‘मेक इन इंडिया’ विषय पर बोल रहे थे। 
उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि जापान कई बार अनेक त्रासदियों का शिकार हुआ फिर भी वहां बेरोजगारी का प्रतिशत 3.5 है जबकि भारत में भरपूर संसाधन व जनसंख्या होने के बावजूद बेरोजगारी 15.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा जॉब पाने के लिए पढ़ता है। उद्यम करने के लिए नहीं। विदेशों में भारतीयों की जॉब जल्दी लग जाती है। कारण, वहां के लोग उद्यमी बनते हैं। हम वहां उनके उद्यम में जॉब पाने की जुगत में विदेश जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जोखिम उठाना होगा। उद्यमशील बनना होगा। हम डिग्री पाने के लिए न पढ़ें। हमें हुनरमंद बनना होगा। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि युवाओं की मानसिकता को ठीक करने की जरूरत है। युवा अपनी ताकत नहीं पहचान रहा। उसे हुनरमंद बनने की जरूरत है। किसी एक विषय में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। और यह काम शिक्षक ही कर सकता है। शिक्षक युवाओं का माइंड सेट करें। युवा देश व समाज की मुख्यधारा से जब जुड़ेगा, ‘मेक इन इंडिया’ का स्वप्न साकार हो जाएगा। 
विचार संगोष्ठी में भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ से सम्बंधी पॉवर पॉइंट प्रदर्शित कर विद्यार्थियों व शिक्षण स्टाफ को व्यवहारिक जानकारियां भी दी गईं। इस मौके पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. गदिया ने डॉ. गुप्ता को शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। संगोष्ठी में मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक भारत भूषण समेत मेवाड़ परिवार के सदस्य व भारी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे। संगोष्ठी का सफल संचालन प्रोफेसर आईएम पांडेय ने किया।  

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