सुश्री गुलाटी ने बताया कि घरेलू हिंसा के मामले में तीन तरह के लोग हैं। एक, जिन्हें घरेलू हिंसा काूनन की जानकारी नहीं है। दूसरे, कुछ लोग जानते हैं और तीसरे वे लोग जिन्हें कानून की जानकारी तो है मगर वे इसे अमल में नहीं लाते। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी घरेलू हिंसा की धारा 498ए, 304ई, सेक्शन 12 व सेक्शन 31 की पूरी जानकारी रखें और लोगों को इसके प्रति जागरूक करें। गेस्ट लेक्चर के दौरान विद्यार्थियों ने उनसे सवाल-जवाब भी किये। जिनका सीमा गुलाटी ने बखूबी जवाब दिया। मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के अपर विधि निदेशक प्रोफेसर एके गौतम ने कहा कि केवल कानून की धारा 12 ही नहीं 17, 18 व 19 भी घरेलू हिंसा के मामले में काफी कारगर है। इसके तहत पीड़ित पुरुष या महिला बराबर न्याय पाने के हकदार हैं। श्री गौतम व सहायक निदेशक जेएन जमवाल ने सीमा गुलाटी को इंस्टीट्यूट की ओर से शॉल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
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