मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों का विदाई समारोह आयोजित
विदाई समारोह में छात्र-छात्राओं ने बांटे अनुभव

वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित
विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि जिंदगी में घोड़े की तरह काम करना और लोगों से
साधु की तरह व्यवहार करना। आज अदालतों में न्याय पाना बहुत महंगा हो गया है। गरीबों
और मजलूमों के लिए न्याय पाना तो दूर सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ना तक
मुश्किल हो गया है। उन्होंने मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट से विदा ले रहे छात्रों को
नसीहत दी कि इन गरीब व मजलूमों के हकों की लड़ाई के लिए सदैव तत्पर रहना। कम फीस
लेकर भी अधिक मेहनत कर न्याय दिलाना। उन्होंने कहा कि विनम्र व ईमानदार रहकर स्वयं
काम करने की आदत डालना। खुद मुकदमा लड़ना सीखना। अदालतों के दलाल मत बनना। बैसाखी
के सहारे आप बड़े अच्छे वकील नहीं बन सकोगे। खुद तैयारी करना, मेहनत करना, सफलता अवश्य मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ से जो कुछ भी छात्रों ने सीखा, उसका इस्तेमाल जरूर करना। ये
बातें उनकी जिंदगी में बहुत काम आएंगीं। मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट के अपर विधि निदेशक
एके गौतम ने कहा कि सीनियर छात्र जूनियर छात्रों का रोल मॉडल बनें। मेवाड़ से जाने
के बाद आते रहें। जूनियर्स को अपने अनुभवों का लाभ दें। उन्हें प्रेरित कर समाज व
देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करते रहें।
समारोह में सीनियर छात्रों ने अपने अनुभव बताए। उन्होंने मेवाड़ में शिक्षा
पाने को जीवन का स्वर्णिम अवसर बताया। बताया कि मेवाड़ समाज व देश को वकील नहीं एक
आदर्श वकील देने का बीड़ा उठाए हुए है। हम एडवोकेट नहीं आदर्श एडवोकेट बनकर जा रहे
हैं।
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