सफल वकील बनने के बाद करना गरीब वादकारियों की मदद
वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दयानंद सभागार में मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित संविधान दिवस समारोह में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार संगल ने केन्द्रीय वित मंत्री अरुण जेटली की बात को बढ़ाते हुए आग्रह किया कि सभी न्यायाधीश अपनी सीमा को पार न करते हुए काम करें। जब भी कार्यपालिका जनता के अधिकारों का उल्लंघन करती है, तभी ये मामले न्यायपालिका तक पहुंचते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम कर श्रेष्ठ वकील बनने की नसीहत दी।
अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को अधिकार है कि वह किसी की सज़ा में संशोधन कर सकते हैं लेकिन अफसोस यह काम अब अदालतें अपने बूते करने लगी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सीमा से बाहर आकर कई मामलों में न्याय देने का काम किया है। इसे ज्यूडिशियल एक्टीविज्म कहते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी मन लगाकर कठिन परिश्रम करें। आगे बढ़ें। भगवान आपके साथ है। सफलता जरूर मिलेगी।
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