निबंध प्रतियोगिताओं के 14 विजेता विद्यार्थी पुरस्कृत
रतनलाल जैनमती जैन ट्रस्ट, श्री बनारसीदास कलावती जैन ट्रस्ट व मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दी निबंध प्रतियोगिताओं में शामिल हुए 15 विश्वविद्यालयों 14 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के ऑडिटोरियम में हुए नौवें पुरस्कार वितरण व सराहना समारोह में विजेताओं को नकद धनराशि, प्रशस्ति पत्र व पुस्तकें देकर पुरस्कृत किया गया। समारोह में आए अतिथियों ने अपने विचारों में युवाओं से देश के निर्माण में सकारात्मक भागीदारी निभाने व विकास के नए आयाम स्थापित करने की अपेक्षाएं व्यक्त कीं।

तीन विषयों पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित हुई। ये विषय थे- ’समाज सुधार की नई चुनौतियां’, ’बढ़ती आपदाएं और घटता प्रबंधन’ और ’आहार, विचार और स्वास्थ्य’। विजेता अनुराग सिंह को सिद्ध परमेष्ठी पुरस्कार, प्रशांत जैन, राजेश कुमार सिंह व अनामिका दास को तीर्थंकर पुरस्कार, नीरज सिंह, कुमारी निधि निगम व कुमारी मनीषा झा को अरिहंत परमेष्ठी पुरस्कार प्रिया, प्रिया झा, मोहित आनंद, अमन आकाश, वर्षा सिंह, ताहिर सिद्दीकी, रवि कुमार व गुड़िया गुप्ता को अकलंक देव पुरस्कार दिया गया। विजेता रामादेवी महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, हंसराज कॉलेज, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मिरांडा हाउस, देशबंधु कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज, इंन्द्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमेन, हिन्दू कॉलेज, वैंकटेश्वर कॉलेज व शिवाजी कॉलेज से थे। समारोह की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री ने की। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि मानव मूल्यों का नौजवान आचरण करें। मां, पिता व गुरु को कभी न भूलें। बढ़ती आपदाओं व घटते संसाधनों के दबाव का मुकाबला करें और इनमें संतुलन बनाएं। आज समाज को रचनात्मकता की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि वरिष्ठ कुमार संजय सिंह ने कहा कि बच्चे ज्यादा पढ़ें-लिखें। पु
रस्कार मिलना इसी का संकेत है। प्रसिद्ध पत्रकार राम बहादुर राय ने विजेता विद्यार्थियों के नामों की घोषणा की। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि अपने देश को आगे ले जाने के लिए आज युवाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हम युवाओं को समय दें। युवाओं के साथ चलें। नया सृजनशील रास्ता निकालें और नई चुनौतियों का डटकर सामना करें। हमारे पास युवाओं की तादात बहुत है। इन्हें जानना, इन्हें समझना, इनका मार्गदर्शन करना, इन्हें समाज व देश की मुख्यधारा से जोड़ना, इन्हें ज़िम्मेदार बनाना और इनके साथ चलना होगा। तभी देश व समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। हमारा विचार शुद्ध होगा। हमारा आहार शुद्ध होगा और हम स्वस्थ-सानंद होंगे। तभी हम फिर से विश्व विजेता कहलाएंगे। इस अवसर पर हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रमा, मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, शशांक जैन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह में विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना, मंगलाचरण, सर्वधर्म प्रार्थना आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अंत में न्यास के अध्यक्ष सीके जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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